आदरणीय जान्हवी पटेल मैम का सांख्यिकी विभाग में आगमन

आज हमारे परिसर को गौरव की अनुभूति हुई जब जान्हवी पटेल मैम से मिलने का अवसर मिला, जोकि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के सांख्यिकी विभाग की पूर्व छात्रा हैं और वर्तमान में भारतीय सांख्यिकी सेवा (ISS) 2023 बैच की अधिकारी हैं। उनके आगमन ने छात्रों और शिक्षकों दोनों के हृदय में प्रसन्नता और प्रेरणा भर दी।
जान्हवी मैम ने अपने सफ़र को साझा किया—कैसे उन्हीं कक्षाओं में बैठकर उन्होंने पढ़ाई की और आज प्रतिष्ठित आई.एस.एस. पद पर पहुँचीं। उन्होंने चुनौतियों, संघर्षों और सफलता की आदतों के बारे में बताया। उनकी कहानी ने हमें यह एहसास दिलाया कि महान उपलब्धियाँ अक्सर हमारी ही कक्षा से शुरू होती हैं।

उन्होंने यह भी साझा किया कि उन्होंने GATE (Statistics) और ISS (UPSC) जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं में उच्च रैंक प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि उन्होंने यह उपलब्धि बिना किसी कोचिंग सेंटर के हासिल की—उनकी तैयारी अनुशासन, आत्मविश्वास और शिक्षकों के मार्गदर्शन से हुई।

“सफलता अनुशासन, दृढ़ निश्चय और उपलब्ध संसाधनों के सकारात्मक प्रयोग से ही मिलती है।”
हमें यह भी जानकर प्रेरणा मिली कि जान्हवी मैम ने कक्षा के बाद अधिकतर समय प्रश्न पूछने में बिताया और किस तरह समस्त शिक्षकों के समयानुसार कक्षाओं में पढ़ाने का लाभ मिलता है एवं शिक्षकों का मार्गदर्शन उनके सफ़र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। जान्हवी मैम ने हमें यह सिखाया कि शिक्षकों से जुड़ाव हमारी सफलता की कुंजी है।
उनसे मिलकर हमारे कई प्रश्नों का समाधान हुआ और आत्मविश्वास भी बढ़ा। जब हमें पता चला कि वे भी उन्हीं बेंचों पर बैठी हैं जहाँ हम बैठते हैं, और उन्हीं शिक्षकों से पढ़ी हैं जिनसे हम मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं—तो लगा कि हमारे सपने भी बिल्कुल संभव हैं।

जान्हवी मैम ने हमें प्रेरित किया कि संसाधनों की कमी को दोष देने के बजाय हमें उनका सकारात्मक प्रयोग करना चाहिए। अगर हम लगन और ईमानदारी से प्रयास करें, तो कठिन से कठिन लक्ष्य भी सरल हो जाते हैं।
उन्होंने हम सब से यह भी कहा कि हमें मेहनत, ध्यान और राष्ट्र-सेवा की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
हम अपने सांख्यिकी विभाग के समस्त सम्माननीय शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिनके प्रयास से यह मुलाक़ात संभव हुई। साथ ही, हम जान्हवी पटेल मैम का भी धन्यवाद करते हैं जिन्होंने समय निकालकर अपने सांख्यिकी परिवार में लौटकर हमारा मनोबल बढ़ाया।

उनका यह आगमन हमारे लिए अविस्मरणीय और प्रेरणादायक रहा। मैम ने हमें यह विश्वास दिलाया कि अगर हम अनुशासन और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ें तो हमारे सपने निश्चित रूप से साकार हो सकते हैं।
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